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score: 9.30162
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on: Mar 6, 2021
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ज़िन्दगी एक जंग है
ज़िन्दगी के अनेक रंग हैं ।
कभी मुस्कुराती है जिन्दगी
कभी लगती है कटी पतंग है ।
कभी लगती नमकीन है जिन्दगी
कभी लगती चीनी जैसे मीठी
जब खुशियाँ होती हैं हमारी मुट्ठी में
बड़ी अजीब सी होती है ज़िन्दगी।
खुशियों से सूर्यमुखी की तरह खिलती है ज़िन्दगी
कभी नफरतों से मुरझाती है ज़िन्दगी।
ज़िन्दगी में हैं गम ही गम
आँखो को कर देती नम
फिर भी मुस्कुराते रहते हैं हम।
ये सोचकर कि छोटी सी है ज़िन्दगी हमारी
मुस्कुराकर जीते हैं चाहे जैसी भी है जिंदगी हमारी।
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score: 9.30162
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on: Mar 1, 2021
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अपना हम कभी एतवार नहीं करते
बदकिस्मती का इजहार नहीं करते !!
नफ़ा-नुकसान की बातें तो ठीक हैं
दिल्लगी का कारोबार नहीं करते !!
उनका यकीं हम करें भी तो कैसे
वो कह तो दें कि प्यार नहीं करते !!
उनके दिल की दुकान अब नहीं चलती
वो कभी किसी को उधार नहीं करते !!
न जाने किस कशमकश में घिरे हैं वो
कभी इजहार कभी इंकार नहीं करते !!
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on: Mar 1, 2021
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बात कुछ काम की , की जाये
जिंदगी ख़ामख़ां न जी जाये !!
.
नशा जिंदगी का हावी रहे ऐसे
शराब पानी सरीखी पी जाये !!
.
ज़ख्मों के साथ ऐसा भी हो कि
पीर भी रफ़ू करके सी जाये !!
.
अपना तो ग़म से गुजारा होता है
खुशी किसी और को दी जाये !!
.
अंगारों पर चलना यही तो हैं
आँसुओं को भी हंसी दी जाये !!
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on: Mar 1, 2021
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उसको खोने का अहसास होता रहा !
और मैं खुशी खुशी उदास होता रहा !!
हाँ सबको पता है कि मैं राम नहीं था-
फिर भी क्यों मुझे वनबास होता रहा !!
मुझसे ही रोशन जहाँ की हर शै लेकिन-
मगर मैं खुद ही बेउजास होता रहा !!
अपनी ही बरबादी का जशन मनाया-
फिर भी जमाना बदहवास होता रहा !!
कभी अपनों से रहा लापता भी नहीं-
फिर भी मैं ही तलाश होता रहा !!
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on: Feb 26, 2021
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...................। इलज़ाम ....।
१
इलज़ाम तो हमारी सर हर वक़्त
लगा लेता है वह पूरा ताकत
छोड़ता नहीं कोई कसर हमें
नीचे दिखाने में वह हर दिन हर रात ................................। शरू
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
तुम कोई गुनेहगार हो जो तुम कोई इलज़ाम लगाए?
अगर गुनेहगार नहीं तो क्यों खड़ी हो सिर झुकाए?
अगर बेकसूर हो तो आंख से आँख मिला कर करो बात,
कोई उंगली भी उठा दे ,है क्या किसी की बिसात? ........ .........राज
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
२
बूढा है तो भी शेर तो शेर होता है जान लो ,
उसका एक दहाड़ से कांप जाती है जंगल ,
और हरिण का क्या मज़ाल कड़ी भी हो सामने,
भाग खड़े हुए हो जब दूसरे बलिष्ट जानवर ..? .................शरू
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शेर है तो बेशक मार कर कहा जाए ।
पर किसी पर यूं झुटा इलज़ाम ना लगाएं।
मैं मजबुर मलजूम बेबस ही सही ।
झुटे इल्जाम के साथ जीना मंजूर नहीं।।..............................। . राज
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३
हजूर ,आप को मालुम नहीं आप है अनजान
यह बात से ,आप की एक दहाड़ से हल्ला गुल्ला
मच जाती है अमन पसंद जंगल में दूर दूर तक
सबको संभालना तो एक राजा का है नेक काम ....................। शरू
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राजा है तो करे बिना भेदभाव से इंसाफ,
गुनेहगार है तो मुझको बेशक सजा दे।
अगर बेकसूर हूं तो करो साफ दिल से माफ,
पर बिना बात मुझे कोई इल्ज़ाम ना दे ।।
......... .......................................................................। राज
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on: Feb 9, 2021
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............चेतन का स्वर्ग ......................
तेरी धरती से बढ़कर
स्वर्ग क्या होगा माँ..?
कल कल करती यह झरने
गाना गाते पंखी ,पेड़ पौधे .......
पहरा देती हिमालय ,
चरण धोती हुई सागर ,
और कहाँ होंगे माँ ...?
यहीं है मेरा स्वर्ग ....!
डराए ,धमकाए, मार गिराए ,
मगर रोक न पाए ' चेतन ' को ,
आप की सेवा पूरा कर दिए हम
आराम करने से पहले ..........!
स्वर्ग क्या करना आप के बिना ..?
लौट आये हैं ठुकराके हम ,
चालीस दिन की मेहमान नवाजी ,
उन की, हमें रास न आयी ..........
हम ने कहा ,जब हुआ ,
भगवान से सामना ,
' हमें यहां नहीं रहना ,
माँ की सेवा है करना....'........
माँ ,हमें कभी दूर न करना ,
अपनी आँचल की छाव से ,
मेरा स्वर्ग तो यहीं है ,
आप की चरणों तले .. ...........शरू ७.४.१७ ...५.२५ ऍम
CHETAN CHEETAH .......CRPF COMMANDANT
CRPF Brave hearts Chetan Cheetah Awarded Kirti Chakra
Apart from them, 38 others security personnel were awarded gallantry medals for operations in Kashmir while 142 others received the award for anti-naxal operations.
Cheetah was wounded during a joint operation in the Hajin area of Bandipora district in North Kashmir on February 14 . 2017. He survived after nine bullet injuries and staying comatose for over a month.
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on: Feb 1, 2021
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एक प्यारा सा जोड़ा था ,
दोनों ने तिल तिल ,
आपस में प्यार था जोड़ा ,
इस जोड़े हुए प्यार से उनकी ,
हयाते-राह खुशगवार हुई ,
जोड़ा जोड़ने की ,
ख्वाहिश लिए ,
खुद को दुनिया से,
रिश्ते तमाम जोड़ता गया ,
हयाते-राह एक भूल हुई ,
दोनों ने प्यार के इस जोड़ में ,
अपने अपने हिस्से का प्यार ,
बराबर न जोड़ा ,
प्यार का जोड़ गलत हुआ ,
जोड़ा जोड़ में उलझ गया ,
जोड़ जोड़ खुल गया ,
प्यार तितर बितर हो गया ,
जोड़ा जड़वत हो गया ।
❤ "प्यार में हिसाब कैसा ..प्यार तो बे-हिसाब होना चाहिए "❤
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on: Jan 13, 2021
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फिर एक दफा इस दिल को दुखाते जाओ
हमें छोड़ जाने का जश्न तो मनाते जाओ !!
हम तुम्हारे लिए कुछ थे भी के नहीं
जा रहे हो तो महज इतना तो बताते जाओ !!
तुम्हारी कसम हम न रोकेंगे तुम्हे पर
आखरी बार तो देख के मुस्कुराते जाओ !!
कहो कैसे भूल जाएं तुमको यूं ही हम
ये हुनर भी तुम ही सिखाते जाओ !!
कुछ कहेंगे ना किसी को कहने देंगे
भीगी नजरों से नजरों को मिलाते जाओ !!
खामोशी के बोझ से कहीं मर ही ना जाए
जाते जाते एक मर्तबा तो रुलाते जाओ !!
हमारा क्या रंगीन रूत है तुम्हारे लिए
हाथों में रंग लो और उड़ाते जाओ !!
तुमने क्या क्या ख्वाब दिखाए थे मुझे
आओ आ कर इन्हें तो दफनाते जाओ !!
तुम्हारे बाद तो हम तरस ही जाएंगे जाना
कुछ और दर्द हो तो हम पर लुटाते जाओ !!
मोहब्बत तुम्हारा हकीकत या भरम था
इस सच से जरा पर्दा तो उठाते जाओ !!
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on: Dec 10, 2020
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गुंजाइश तो रहती है
फिर भी हर ख़्वाईश पूरी नही होती।
तमन्नाओं के बाज़ार में
हर ख़्वाब की नुमाईश नही होती।
तुम इश्क़ की बात कर रहे हों या किसी खेल की
एक फौजी से पूछो उसके इश्क़ की फ़ना...
एक कफ़न से पूछो उसके बीते कल की फ़ना....
मौत के रास्ते में खड़ी उस जिंदगी से पूछो उसके जीने की फ़ना....
बिदाई के समय माँ बाप से पूछो उनकी बेटी की फ़ना....
एक दोस्त से पूछो दोस्त से बिछड़ने की फ़ना...
यह इश्क़ है जनाब जो किसी भी रूप में दिखता है.....
जैसे एक दोस्ती और सच्ची दोस्ती में फर्क दिखता है.
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on: Dec 9, 2020
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Blatantly True!!!!
आसान नहीं होता प्रतिभाशाली स्त्री से प्रेम करना,
क्योंकि उसे पसंद नहीं होती जी हुजूरी,
झुकती नहीं वो कभी
जबतक न हो
रिश्तों में प्रेम की भावना।
तुम्हारी हर हाँ में हाँ और न में न कहना वो नहीं जानती,
क्योंकि उसने सीखा ही नहीं झूठ की डोर में रिश्तों को बाँधना।
वो नहीं जानती स्वांग की चाशनी में डुबोकर अपनी बात मनवाना,
वो तो जानती है बेबाक़ी से सच बोल जाना।
फ़िज़ूल की बहस में पड़ना उसकी आदतों में शुमार नहीं,
लेकिन वो जानती है तर्क के साथ अपनी बात रखना।
वो क्षण-क्षण गहने- कपड़ों की माँग नहीं किया करती,
वो तो सँवारती है स्वयं को अपने आत्मविश्वास से,
निखारती है अपना व्यक्तित्व मासूमियत भरी मुस्कान से।
तुम्हारी गलतियों पर तुम्हें टोकती है,
तो तकलीफ़ में तुम्हें सँभालती भी है।
उसे घर सँभालना बख़ूबी आता है,
तो अपने सपनों को पूरा करना भी।
अगर नहीं आता तो किसी की अनर्गल बातों को मान लेना।
पौरुष के आगे वो नतमस्तक नहीं होती,
झुकती है तो तुम्हारे निःस्वार्थ प्रेम के आगे।
और इस प्रेम की ख़ातिर अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देती है।
हौसला हो निभाने का तभी ऐसी स्त्री से प्रेम करना,
क्योंकि टूट जाती है वो धोखे से, छलावे से,
फिर जुड़ नहीं पाती किसी प्रेम की ख़ातिर...!!!
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on: Nov 25, 2020
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........शुरुवात एक नया युग की ......... ..........
।-
भ्रष्ट्राचार से डूब रही थी बड़ी नाव
लपेट लिया था काला धन चारो ओऱ
प्रार्थना कर रहे थे तहेदिल, उद्धार का,
सुन लिया भगवान आखिरकार प्राथना उनका
..................................................................by .....शरू
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
माना कि अच्छा काम किया है ये सरकार,
अभी इतना जल्दी कुछ भी कहना ठीक नही है यार,
आगाज तो अच्छा ,आगे देखो अंजाम क्या होगा,
आशा करते है , अच्छे काम का परिणाम अच्छा ही होगा ?
....................................................................by ....राज
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2-
परिणाम तो अच्छा ही मिलेगा वो है हकदार
जो काम भी अच्छ अच्छा किया है आते आते
एक युग बीत गया अँधेरे मे रहते रहते
मोदी नामक एक.किरण भेज दिया आसमान ॥
....................................................................by शरू
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
आगे पता चलेगा परिणाम का, कहता हूँ मैं फिर
जाने क्या होगा आनेवाले दिनो मे इस देश की तस्वीर
वैसे इस देश की व्यवस्था बहुत नीचे गया था गिर
हो सकता है आनेवाले दिनो मे संवर जाए इस देश की तकदीर॥
......................................................................by .....राज
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
3-
अगर अब भी चूक गए पहचानने मे लोग,
कौन अपना कौन पराया ,कूछ नही होगा फिर,
देखना ,बिगड़ जाएगा ऐसा इस देश की तस्वीर,
फिर कोई भगवन ही आना पड़ेगा लेके अवतार ॥.......by ..शरू
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
हाँ , ये सही वक्त है जानने का,
क्या भला ,क्या बुरा, पहचानने का,
अब भी न जागे तो खाने पडेंगे धोखे,
कुदरत नही देती किसी देश को बार बार मौके ॥........by....राज
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
4
ठीक कहा यार आप ,कुदरत कहो
भाग्य कहो , देती नहीं मौका बार बार
संभालना होगा ,पहचानना होगा ,
मोदी नाम का फ़रिश्ते को सब साथ देना होगा ............by ..शरू .. 3.55 PM
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सही है जब इतनी कोशिश कर रही है सर्कार ,
आम लोगो से भी सहयोग की है बहुत दरकार ,
बुरा वक्त है यारो अभी जल्दी ही जाएगा निकल ,
सभी के सहयोग से ही बनेगा ये अभियान सफल
.........................................................................by ...राज ...4.03 PM..( old jugal bandi .........reposted )
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on: Nov 24, 2020
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..........धन -दौलत भी हैं ज़रूरी..............
1
पैदल चल पड़ा मैं तुझसे मिलने को .
होके दुनियादारी और अपनों से दूर .
एक तो मुम्बई है राजस्थान से बहुत दूर .
पर तुझसे मिलने को इस दिल किया मुझे मजबूर ..............BY राज .7.45 PM
XXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX
इतना भी क्या था मज़बूरी यार ..?
राजस्थान की लडकियां होती हैं बहुत सुन्दर ,
इसके लिए मुंबई तक आने की क्या थी जरुरत ..?
मुंबई की मराठी लड़की होती है बहुत थीका .. ( like chilli )...by शरू 7.54pm
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2.
न ही सुन्दर लड़की चाहिए न ही थीका की दरकार .
तुम्हारी सौंदर्य बसी है दिल में , हुआ है प्यार .
तपते रेगिस्तान से पैदल बिन हाथी और घोडा .
तेरे लिए मैं o जनम , चला आया भागा दौड़ा . ............By....राज ..8.16 PM
XXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX
मगर हमें तो घोड़े में बैठ कर ,
आनेवाले ले के हाथ में तलवार
राजकुँवर की बचपन से ,थी इंतज़ार ,
हम बिलकुल नहीं पैदल चलनेवाले ,
मंगावो ऊंट , हाथी और घोड़े ............. .........................by शरू 8. 26 PM
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3
दिल का राजा हूँ मैं , जहां करता हूँ मैं हुकूमत .
क्या तुम्हारे दिल में सच्चे प्यार की नहीं कोई कीमत ?.
कामिनी , हक़ीक़त तो यह है की दौलत से हूँ मैं गरीब .
दिल से करता हूँ प्यार और रहता हूँ दिल के क़रीब . By...... राज 8.38 PM
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अच्छा ,आप हो सिर्फ नाम के राजकुमार ,
और कुछ नहीं आप के पास , आप हो फ़क़ीर ,
क्या पेट भरेगा इज्जत से आप का यह नायाब प्यार ..?
धन -दौलत भी जीने के लिए होती है बहुत ज़रूरी ,.............BY शरू 8.45 pm
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on: Nov 17, 2020
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उलझनें हैं बहुत..मग़र,
सुलझा लिया करता हूँ..
और, फोटो खिंचवाते वक़्त..
मैं अक्सर मुस्कुरा लिया करता हूँ..
क्यूँ नुमाइश करुँ...
अपने माथे पर शिकन की..
मैं, अक्सर मुस्कुरा के...
इन्हें मिटा दिया करता हूँ...
जब लड़ना है,
खुद को खुद ही से..
तो, हार-जीत में..
कोई फ़र्क नहीं रखता हूँ..
हारुँ या जीतूं..
कोई रंज नहीं.
कभी खुद को जिता देता हूँ..
तो, कभी खुद से जीत जाता हूँ..
ज़िंदगी, तुम बहुत खूबसूरत हो..
इसलिए मैंने तुम्हें..
सोचना बंद और..
जीना शुरु कर दिया है..
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on: Nov 14, 2020
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लो फिर दीवाली आई
खुशियों की बहार आई ।
चलो हम सब हाथ मिलाएं
दिलो मे एक दूसरे के प्रति प्रेम बढ़ाएं।
किसी गरीब के घर को रोशन करें
दिल में सब सुकून पाऐं।
लो फिर दीवाली आई
दीवाली की रात है निराली
लक्ष्मी सब के घरों में आई ।
लो फिर दीवाली आई
सुख समृद्धि ले कर आई ।
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ
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on: Nov 12, 2020
ratings: 5
................जुगल बंदी .....। दोस्ती ..........................
1
जब मेरा आंगन फूल खिलते है
जब हवा चुके मेरा बदन चलते हैं
जब दूरसे कोई आवाज़ हमें देते है
तब तब तुम यादआते हो सखी ......................by नरसिम्हा
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फूलों की नरमी में भी हम है
सूरज की गर्मी में भी पावो हमें
तूफान की रफ़्तार से है तेज़ हम
रोक लो हमें कहीं आगे निकल न जाए ..................by शरू
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2.
जैसे तेरे मेरे ये बेदाग दोस्ती
वैसे माझी और उनका कस्ती
ऐसे कोई किसीको न छोड़े टूट के
बांध लो एक अटूट बंधन में हमें ….....................by narasimha
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अगर होगी सच्चाई हमारी दोस्ती में
राम और हनुमान भी हो सकते हैं
कृष्णा और द्रौपदी भी बन सकते हैं
कृष्णा सुदाम भी कहला सकते हैं ........................by शरू
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3.
सखी पता नहीं यह दोस्ती क्या होती
दोस्ती किस्से कहता है न मालुम
जब आप मिले तो में था अकेले
अभी मेरा दोस्त साथ है यही है ख़ुशी
में तो अभी दुनिया बदल सकता हु .....................by नरसिम्हा
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दोस्त जब साथ होते हैं सुनो तो
अपने आप में एक विश्वास होती है
हम अकेला नहीं यह एहसास ही काफी
दोस्त को हम चुन थे हैं भगवान नहीं ....................by शरू.......
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on: Oct 16, 2020
ratings: 1
है दुर्गा माँ
सिंह की सवार बनकर
रंगों की फुहार बनकर
पुष्पों की बहार बनकर
सुहागन का श्रंगार बनकर
तुम्हारा स्वागत है दुर्गा माँ तुम आओ।
भूखे का निवाला बन कर
खुशियों का अपार बन कर
सब के जीवन को संवार कर
रसोई में प्रसाद बन कर
तुम्हारा स्वागत है दुर्गा माँ तुम आओ।
सारे संसार को उजाला बना कर
सब के दुख हर कर
सब पर आशीर्वाद बनकर
तुम्हारा स्वागत है दुर्गा माँ तुम आओ ।
🙏🙏🙏🙏
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
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on: Oct 11, 2020
ratings: 1
रविवार पलायन करता है जैसे
एक हसीन सपना हो जैसे।
आज ही दिन मिलता है फुरसत के पल वैसे।
झट से गुजर जाता है कैसे ।
प्यारी ज़िन्दगी की ऐसी तैसी
क्यों नहीं सकून से जीने नहीं देती
जैसे हम चाहते है वैसे ।
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on: Oct 11, 2020
ratings: 2
चाय हूँ मैं,
नुखर की पहचान हूँ मैं,
किसी की मुस्कान हूँ मैं।
चाय हूँ मैं,
दोस्तों के माहौल को गरम ,
करती हूँ मैं,
सब मुझे खुशी खुशी पी कर ,
भूल जाते हैं अपने गम।
चाय हूँ मैं,
सब के दिलो में ,
राज़ करती हूँ मैं,
किसी की हमराज़ हूँ मैं,
गरीबों की शान हूँ मैं,
अमीरों की थकान ,
दूर करती हूँ मैं,
पाई जाती हूँ मैं ,
हर दुकान में,
क्यूं की चाय हूँ मै।
Saloni
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on: Oct 8, 2020
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पापा आफिस में पहुंचे ही थे कि स्कूल से फोन आया!
सुरीली आवाज में एक मैम बोलीं –
“सर! आप की बेटी जो सेकंड क्लास में है,
मैं उसकी क्लास टीचर बोल रहीं हूँ।
आज पैरंट्स टीचर मीटिंग है। रिपोर्ट कार्ड दिखाया जाएगा।
आप अपनी बेटी के साथ टाईम से पहुंचें।”..
बेचारे पापा क्या करते।
आदेश के पाबंद… तुरंत छुट्टी लेकर, घर से बेटी को लेकर स्कूल पहुंच गए।
सामने गुलाबी साड़ी पहने,छोटी सी बिंदी लगाए, नयी उम्र की, गोरी सी लेकिन बेहद तेज मैम बैठी थी।
पापा कुछ बोल पाते कि इससे पहले लगभग डांटते हुए बोलीं -” आप अभी रुकिए, मैं आप से अलग बात करूंगी।”
पापा ने बेटी की तरफ देखा, और दोनों चुपचाप पीछे जाकर बैठ गए।
“मैम बहुत गुस्से में लगती हैं” – बेटी ने धीरे से कहा। “तुम्हारा रिपोर्ट कार्ड तो ठीक है” – उसी तरह पापा भी धीरे से बोले। “पता नहीं पापा, मैंने तो देखा नहीं। “-बेटी ने अपना बचाव किया। “मुझे भी लगता है, आज तुम्हारी मैम तुम्हारे साथ मेरी भी क्लास लेंगी।” – पापा खुद को तैयार करते हुए बोले।
वो दोनों आपस में फुसफुसा ही रहे थे कि तभी मैम खाली होकर बोलीं – “हाँ! अब आप दोनों भी आ जाइए।
पापा किसी तरह उस शहद भरी मिर्ची सी आवाज के पास पहुंचे। और बेटी पापा के के पीछे छुप कर खड़ी हो गई।
मैम- देखिए! आप की बेटी की शिकायत तो बहुत है लेकिन पहले आप इसकी परीक्षा की कापियां और रिपोर्ट देखिए। और बताइए इसको कैसे पढ़ाया जाये।
… मैम ने सारांश में लगभग सारी बात कह दी..
मैम- पहले इंग्लिश की कापी देखिए.. फेल है आप की बेटी।
… पापा ने एक नजर बेटी को देखा, जो सहमी सी खड़ी थी.. फिर मुस्कुरा कर बोले…
पापा – अंग्रेजी एक विदेशी भाषा है। इस अम्र में बच्चे अपनी ही भाषा नहीं समझ पाते।
… इतना मैम को चिढ़ने के लिए काफी था…
मैम- अच्छा! और ये देखिए! ये हिंदी में भी फेल है। क्यों?
… पापा ने फिर बेटी की तरफ देखा.. मानो उसकी नजरें साॅरी बोल रहीं हों…
पापा – हिंदी एक कठिन भाषा है। ध्वनि आधारित है। इसको जैसा बोला जाता है, वैसा लिखा जाता है। अब आप के इंग्लिश स्कूल में कोई शुद्ध हींदी बोलने वाला नहीं होगा…
…..पापा की बात मैम बीच में काटते हुए बोलीं…
मैम – अच्छा… तो आप और बच्चों के बारे में क्या कहेंगे जो….
इस बार पापा ने मैम की बात काट कर बोले..
पापा – और बच्चे क्यों फेल हुए ये मैं नहीं बता सकता… मै तो….
मैम चिढ़ते हुए बोली – “आप पूरी बात तो सुन लिया करो, मेरा मतलब था कि और बच्चे कैसे पास हो गये…” फेल नहीं”…
अच्छा छोड़ो ये दूसरी कापी देखो आप। आज के बच्चे जब मोबाइल और लैपटॉप की रग रग से वाकिफ हैं तो आप की बच्ची कम्प्यूटर में कैसे फेल हो गई?
…. पापा इस बार कापी को गौर से देखते हुए, गंभीरता से बोले – “ये कोई उम्र है कम्प्यूटर पढ़ने और मोबाइल चलाने की। अभी तो बच्चों को फील्ड में खेलना चाहिए।
… मैम का पारा अब सातवें आसमान पर था… वो कापियां समेटते हुए बोली-” सांइस की कापी दिखाने से तो कोई फायदा है नहीं। क्योंकि मैं भी जानती हूँ कि अल्बर्ट आइंस्टीन बचपन फेल होते थे।”
… पापा चुपचाप थे…
मैम ने फिर शिकायत आगे बढ़ाई – “ये क्लास में डिस्पलिन में नहीं रहती, बात करती है, शोर करती है, इधर-उधर घूमती है।
पापा ने मैम को बीच में रोक कर, खोजती हुई निगाह से बोले…
पापा – वो सब छोड़िए! आप कुछ भूल रहीं हैं। इसमें गणित की कापी कहां है। उसका रिजल्ट तो बताइए।
मैंम-(मुंह फेरते हुए) हां, उसे दिखाने की जरूरत नहीं है।
पापा – फिर भी, जब सारी कापियां दिखा दी तो वही क्यों बाकी रहे।
मैम ने इस बार बेटी की तरफ देखा और अनमने मन से गणित की कापी निकाल कर दे दी।
…. गणित का नम्बर, और विषयों से अलग था…. 100%…..
मैम अब भी मुंह फेरे बैठी थीं, लेकिन पापा पूरे जोश में थे।
पापा – हाँ तो मैंम, मेरी बेटी को इंग्लिश कौन पढ़ाता है?
:
मैम- (धीरे से) मैं!
:
पापा – और हिंदी कौन पढ़ाता है?
:
मैम- “मै”
:
पापा – और कम्प्यूटर कौन पढ़ाता है?
:
मैम- वो भी “मैं”
:
पापा – अब ये भी बता दीजिए कि गणित कौन पढ़ाता है?
:
मैम कुछ बोल पाती, पापा उससे पहले ही जवाब देकर खड़े हो गए…
पापा – “मैं”…
:
मैम – (झेंपते हुए) हां पता है।
:
पापा- तो अच्छा टीचर कौन है????? दुबारा मुझसे मेरी बेटी की शिकायत मत करना। बच्ची है। शरारत तो करेगी ही।
:
मैम तिलमिला कर खड़ी हो गई और जोर से बोलीं-“””मिलना तुम दोनों आज घर पर, दोनों बाप बेटी की अच्छे से खबर लेती हूं”””!!!
😉😋😊😜😀🤓😛😆😄😍😅
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on: Oct 7, 2020
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एक शहर है तुम्हारे अंदर .........
सुना है आजकल वहां रहते नहीं हो
बहुत कुछ है दिल और दिमाग के दरमियाँ..
दूसरों की तो छोड़ो..
वह खुद से भी कहते नहीं हो..
एक शहर है तुम्हारे अंदर…
कुछ लोगों के लिए जहाँ तुमने..
उस शहर का हर दरवाज़ा खोल दिया था..
जब शहर में हिस्सा माँगा उन्होंने ..
तुमने हर हिस्सा बिन मोल दिया था…
पर फिर…
तुम्हारी उम्मीदों और खुशियों को ही..
अपनी तिजारत बना ली उन्होंने..
तुम्हारी सुकून वाली झील के पास..
मतलबों की इमारत बना ली उन्होंने..
अपने इरादों के औज़ार से ..
शहर का हर हिस्सा तोड़ दिया..
चल दिये किसी दूसरे शहर
और तुम्हे अपने ही शहर में अकेला छोड़ दिया..
उस बंजर ज़मीन को..
फिर से खिलखिलाना ज़रूरी है..
तुम्हे तुम्हारे उस शहर से..
फिर से मिलाना ज़रूरी है…
ज़रूरी है क्योंकि..
इन समंदरों के किनारों सी जिन्दगियों में..
अपने कदमों के निशान क्या ढूँढना
जब एक पूरे शहर के मालिक हो तुम..
तो किसी और के शहर में मकान क्या ढूँढना..
अपनी हर बंजारी उम्मीद से कहो..
आराम से इस शहर में रहना..
और सुनो..
इस शहर की चाबी ..
कभी किसी और को मत देना..!!!
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